Bengaluru Longest Flyover with Double-Deck Metro Road: बेंगलुरु में एक डबल डेकर फ्लाईओवर की खूब चर्चा है. यह फ्लाईओवर न सिर्फ बेंगलुरु में ट्रैफिक को नियंत्रित करने में मददगार साबित होगा, बल्कि बेंगलुरु का सबसे लंबा डबल डेकर फ्लाईओवर भी होगा. इस फ्लाईओवर पर भी सड़क के साथ-साथ मेट्रो भी चलेगी, जिससे एलिवेटेड मेट्रो लाइन के लिए अलग से फ्लाईओवर बनाने की जरूरत नहीं रहेगी. जानें पूरी खबर.
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Bengaluru longest flyover: बैंगलोर को भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है. कोई इसे आईटी हब कहता है, कोई इसे सपनों वाला शहर कहता है. भारत की सिलिकॉन वैली में सबसे बड़ा फ्लाईओवर बनने जा रहा है. 9,800 करोड़ रुपए की लागत का बन रहा फ्लाईओवर बहुत खास है. जानें पूरी खबर. डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक, मगदी रोड पर 8 किलोमीटर की दूरी तय करने की योजना बनाई गई एलिवेटेड रोड पर अनुमानित 9,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे. हाल ही में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने प्रस्ताव की समीक्षा करने के लिए हेब्बल, बीईएल रोड और सुम्मानहल्ली सहित विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया. शिवकुमार ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए संपत्तियों के अधिग्रहण की उच्च लागत से बचने के लिए एलिवेटेड रोड को भविष्य की मेट्रो परियोजनाओं में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य रागीगुड्डा रोड के समान डिजाइन का पालन करना है, जहां एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जा रहा है."
नम्मा मेट्रो का तीसरा चरण
नम्मा मेट्रो का तीसरा चरण, जो 40 किलोमीटर से अधिक लंबा है, में डबल-डेकर कॉरिडोर भी होंगे. जिसका 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है, हालांकि डिजाइन में बदलाव के कारण सिविल कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया में देरी हुई है. हालांकि, पिछले साल अगस्त से ही केंद्र ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है. शिवकुमार ने कहा, "इस परियोजना को अगले 30-40 वर्षों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जा रहा है," जिसकी लागत बीबीएमपी और नम्मा मेट्रो के बीच विभाजित की जाएगी.
32.15 किलोमीटर डबल-डेकर का प्लान
डबल-डेकर प्रणाली को समायोजित करने के लिए, जेपी नगर चौथे चरण और केम्पापुरा के बीच 32.15 किलोमीटर के हिस्से में बड़े बदलाव की योजना बनाई गई है. इसमें पीन्या में इंटरचेंज स्टेशन के बजाय गोरागुंटेपल्या में एक नया मेट्रो स्टेशन शामिल है, जिससे लंबाई में 300 मीटर की बचत होगी और निर्माण लागत में कमी आएगी.
किसे मिलेगा फायदा
नया इंटरचेंज अलग-अलग ट्रैवेलेटर के माध्यम से पीन्या और गोरागुंटेपल्या दोनों स्टेशनों को जोड़ेगा. हालांकि इससे मेट्रो यात्रियों को कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन यह डिज़ाइन क्षेत्र में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगा, खासकर डॉ. राजकुमार मेमोरियल और बीईएल सर्किल के बीच चलने वाले वाहनों के लिए. डबल-डेकर परियोजना सिग्नल-मुक्त गलियारा बनाने और रक्षा मंत्रालय और केंद्रीय विनिर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान के स्वामित्व वाली संपत्तियों के माध्यम से एक सीधी सतह वाली सड़क बनाकर चक्कर लगाने की समस्या को खत्म करने के लिए तैयार है.