Bihar News: पीएम के करीबी गिरिराज सिंह को नीतीश के लिए भारत रत्न की मांग करनी पड़ गई, ये किसी भी तरह से नहीं पच रहा है. कुछ ना कुछ तो जरूर हलचल है. ये वही गिरिराज हैं जो नीतीश को कभी पानी पी-पीकर कोस रहे थे.
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Nitish Kumar: बिहार में बहार है.. नीतीशे कुमार है. इस कहावत को बार-बार नीतीश कुमार ने चरितार्थ किया है.. चाहे बिहार का भला हो चाहे ना हो.. वे जरूर चर्चा में रहते हैं. एक बार फिर से पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति में हलचलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य बीजेपी के बीच चल रही उठापटक के बावजूद वहां के बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने उनके लिए भारत रत्न की मांग कर दी और सियासी पारा चढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की तरफ से ये मांग काफी सरप्राइज करने वाली है क्योंकि वे पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं. क्या कर्पूरी ठाकुर के बाद बिहार से एक और सरप्राइज आएगा, ये देखने वाली बात होगी. ये मांग ऐसे समय पर आई है जब नीतीश और बीजेपी के बीच सबकुछ सही नहीं दिख रहा है. इसे समझने की जरूरत है.
गिरिराज सिंह का बयान और सियासी मायने
असल में हुआ यह कि बुधवार को बेगूसराय में गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाना चाहिए. उन्होंने नीतीश के शासनकाल में बिहार की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि खस्ताहाल सड़कों और बदहाल बुनियादी ढांचे से उबरकर राज्य ने नई ऊंचाइयां छुई हैं. ये वही गिरिराज सिंह है जो अभी कुछ ही समय पहले नीतीश कुमार को पानी पी-पीकर कोस रहे थे जब वे तेजस्वी के साथ सरकार में थे.
उधर तेजस्वी और नीतीश की 'सीक्रेट मुलाकात'
गिरिराज की ये मांग ऐसे समय आई है जब कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की सीक्रेट मुलाकात हुई है. यह कितना सही है ये तो वे दोनों ही जानते होंगे. लेकिन इससे इतर तेजस्वी लगातार आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार पर BJP का नियंत्रण हो चुका है और मुख्यमंत्री कार्यालय के चार करीबी अधिकारी सीधे अमित शाह के संपर्क में हैं. तेजस्वी के इन आरोपों ने BJP-जेडीयू गठबंधन में खटास की अटकलों को हवा दी है. यह भी कहा जा रहा है कि BJP बिहार में महाराष्ट्र जैसी रणनीति अपना सकती है, जहां मुख्यमंत्री का चेहरा बदले बिना चुनाव लड़ा गया था.
यहीं नहीं रुके तेजस्वी..
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार अब पूरी तरह BJP के इशारों पर चल रहे हैं. उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने उनकी सत्ता को कमजोर कर दिया है. बिहार की जनता यह सब देख रही है और आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी. उधर एनडीए के नेता नीतीश को साधने में लगे हैं. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश को अनुभवी प्रशासक बताते हुए कहा नीतीश कुमार को कोई नहीं चला सकता, वे खुद एक मजबूत नेता हैं.
भारत रत्न की मांग करनी पड़ गई?
उधर पटना में सियासी पारा तो बढ़ा हुआ है लेकिन इधर दिल्ली में जेपी नड्डा एनडीए नेताओं की बैठक करके एकता का संदेश दे रहे हैं. लेकिन राजनीतिक एक्सपर्ट्स यह जरुर मान रहे हैं कि गिरिराज सिंह को नीतीश के लिए भारत रत्न की मांग करनी पड़ गई, ये किसी भी तरह से नहीं पच रहा है. कुछ ना कुछ तो जरूर हलचल है. क्या नीतीश मान जाएंगे.. या नहीं मानेंगे.. अब क्या होने वाला है ये तो बीजेपी और नीतीश कुमार ही जानें लेकिन बिहार की राजनीति जिस धार पर चल रही है वहां कुछ भी संभव दिखाई दे रहा है.