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Indian Navy: देश को आजादी मिले 76 साल बीत चुके हैं लेकिन भारतीय नौसेना आज भी अंग्रेजों का दिया निशाना ढो रही थी. भारतीय नौसेना का ध्वज आज भी ब्रिटिश काल की याद दिलाता है. लेकिन अब इंडियन नैवी को इस ध्वज से आजादी मिल जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 2 सितंबर को कोच्चि में देश के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग के दौरान भारतीय नौसेना के एक नए ध्वज (ध्वज) का अनावरण करेंगे. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किया जाने वाला नया नौसैनिक ध्वज (निशान) 'औपनिवेशिक अतीत के साथ' दूर होगा और 'समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप होगा'.
नए ध्वज का क्या महत्व है?
भारतीय नौसेना के वर्तमान ध्वज के ऊपरी बाएं कोने में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस है. भारतीय नौसेना ब्रिटिश काल में ही अस्तित्व में आ गई थी. 2 अक्टूबर 1934 को नौसेना सेवा का नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी (RIN) कर दिया गया था. 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र बनने के साथ 'रॉयल' को हटा दिया गया और इसे भारतीय नौसेना के रूप में फिर से नाम दिया गया. लेकिन ब्रिटेन के औपनिवेशिक झंडे को नहीं हटाया गया. अब पीएम मोदी भारतीय नौसेना को नया ध्वज देंगे. अभी इस ध्वज का रंग-रूप सामने नहीं आया है.
सेंट जॉर्ज क्रॉस क्या है?
भारतीय नौसेना के ध्वज में सेंट जॉर्ज रेड क्रॉस का नाम ईसाई योद्धा सेंट जॉर्ज के नाम पर रखा गया है. जिनके बारे में माना जाता है कि वे तीसरे धर्मयुद्ध के दौरान एक योद्धा थे. सेंट जॉर्ज का क्रॉस सफेद पृष्ठभूमि पर एक लाल क्रॉस है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंच प्राण का मंत्र दिया था. उसमें अंग्रेजों की गुलामी की मानसिकता से आजाद होने का मंत्र भी था. इसी क्रम में पीएम भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी निशान का अनावरण करने जा रहे हैं. यह ब्रिटिश राज की निशानियों से मुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा.
मोदी सरकार ने पिछले 8 साल में किए कई ऐतिहासिक बदलाव
बता दें कि मोदी सरकार के पिछले 8 साल के दौरान ब्रिटिश काल के लगभग 1500 कानूनों को खत्म किया गया है. इस साल के गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाले बीटिंग द रिट्रीट समारोह से अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही अबाइड विद मी धुन हटा कर कवि प्रदीप की ऐ मेरे वतन के लोगों को शामिल किया गया, जिसे लता मंगेश्कर ने अपनी आवाज दी है. 2015 के बीटिंग रिट्रीट में तबला, संतूर और सितार जैसे भारतीय वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल किया गया.
तोड़ी कई ब्रिटिश परंपरा
2017 में मोदी सरकार ने ब्रिटिश काल से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए 1 फरवरी को बजट पेश कर गुलामी की निशानी से देश को एक और आजादी दी थी. इसी तरह 92 साल से अलग-अलग पेश होने वाले आम बजट और रेल बजट को 2017 में एक कर दिया गया. रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया.
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