Valentine Week में प्रेमिका को नहीं बल्कि खाटू श्याम को दें एक गुलाब, हर इच्छा होगी पूरी
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Valentine Week में प्रेमिका को नहीं बल्कि खाटू श्याम को दें एक गुलाब, हर इच्छा होगी पूरी

Khatu Shyam Ji: खाटू श्याम बाबा को गुलाब चढ़ाने का चलन काफी तेज से बढ़ रहा है. भक्तों का कहना है कि गुलाब  प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है. गुलाब चढ़ाने के इस नए ट्रेंड से श्याम मंदिर कमेटी काफी चिंता में है. 

Khatu Shyam Ji (खाटू श्याम जी)

Khatu Shyam Ji: राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम बाबा का मंदिर है, जो श्रद्धालुओं की आस्था मुख्य केंद्र बन चुका है. हर रोज बाबा के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ दर्शन करने आती है. यहां हर कोई अपनी मनोकामना लेकर आता है, जो विशेष- पूजा अनुष्ठान करते हैं. वहीं, इन दिनों खाटू श्याम बाबा के मंदिर में एक नई परंपरा देखने को मिल रही है, कि बाबा के भक्त गुलाब का फूल भेंट कर रहे हैं. 

खाटू श्याम बाबा को गुलाब चढ़ाने का चलन काफी तेज से बढ़ रहा है. भक्तों का कहना है कि गुलाब  प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है. साथ ही खाटू श्याम के श्याम अपनी भक्ति और प्रेम प्रकट करने के लिए गुलाब शुभ माना जाता है. भक्तों के मुताबिक, मंदिर में गुलाब की सुगंध और उसकी खूबसूरती बाबा श्याम के दरबार में चार चांद लगा देती है. इसी की वजह से बाबा को भक्त गुलाब का फूल चढ़ाते हैं. 

बाबा के श्रृंगार के लिए विशेष प्रकार के सुगंधित फूलों का इस्तेमाल किया जाता है. पुजारी बाबा का भव्य श्रृंगार करते हैं, जिसमें कोलकाता से विशेष गुलाब मंगवाए जाते हैं. वहीं, मंदिर के गर्भगृह में भी गुलाब के फूलों की महक बनी रहती है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक सुख मिलता है. 

हालांकि, गुलाब चढ़ाने के इस नए ट्रेंड से श्याम मंदिर कमेटी काफी चिंता में है.  भक्तों की भारी भीड़ की वजह से मंदिर प्रशासन को फूलों की अधिकता से निपटने में काफी परेशानी हो रही है. अब बाबा के भक्त 14 लाइनों में लगकर दर्शन करते हैं लेकिन हर भक्त गर्भगृह तक गुलाब पहुंचाना चाहता है. इससे भीड़ नियंत्रण की समस्या खड़ी हो रही है. 

बाबा को गुलाब चढ़ाने की यह परंपरा भक्तों की अटूट आस्था को दर्शाती है. हालांकि, मंदिर प्रशासन को इससे जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. कहते हैं कि गुलाब का फूल श्याम बाबा को काफी पसंद है क्योंकि बचपन में वह गुलाब के फूलों में खेलने जाते थे, जहां उनको काफी शांति महसूस होती थी. 

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