RAU IAS Coaching Centre: दिल्ली में मौत के कोचिंग सेंटर पर सवाल लगातार पूछे जा रहे हैं.. क्या दिल्ली के कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत पर दिल्ली पुलिस सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ रही है?
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RAU IAS Coaching Centre: दिल्ली में मौत के कोचिंग सेंटर पर सवाल लगातार पूछे जा रहे हैं.. क्या दिल्ली के कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत पर दिल्ली पुलिस सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ रही है? क्या कोचिंग सेंटर हादसे में दिल्ली पुलिस बड़े मछलियों पर हाथ डालने से बच रही है? क्या दिल्ली पुलिस RAU IAS कोचिंग सेंटर के असली मालिक को बचा रही है? क्या मौत के कोचिंग सेंटर के असली गुनहगार को छिपाया जा रहा है? क्या मौत के कोचिंग सेंटर के मालिकों की सिस्टम के साथ कोई सीक्रेट सेटिंग हो गई है?
पुलिस आपको और हमें बेवकूफ बना रही
अब आप सोच तो रहे होंगे कि मौत के कोचिंग सेंटर का मालिक तो गिरफ्तार हो चुका है. क्योंकि पुलिस तो कह चुकी है कि राव आईएएस स्टडी सर्किल के CEO अभिषेक गुप्ता को पकड़ा जा चुका है. लेकिन
ये सारी बातें सिर्फ दिखावटी, कार्रवाई के नाम पर दिल्ली पुलिस आम लोगों को, आपको और हमें बेवकूफ बना रही है. झूठ बोल रही है दिल्ली पुलिस क्योंकि जिस अभिषेक गुप्ता को गिरफ्तार करके पुलिस अपनी पीठ ठोक रही है. वो कोचिंग सेंटर का मालिक नही है.
मालिक की तो बात ही नहीं की गई
मालिक की तो बात ही नहीं की गई है कहीं. जिस अभिषेक गुप्ता को गिरफ्तार किया गया वो उस कोचिंग में नौकरी करता है. मालिक नहीं है. असली मालिक का तो पुलिस नाम तक नही ले पाई है अब तक. अब नाम लिया नहीं है या लेना चाहती नहीं है. ये बात आप तय कीजिए.. लेकिन हम आपको Rau's IAS Study Circle के असली मालिक और तीन छात्रों की मौत के असली गुनहगार के बारे में बताने जा रहे हैं.
असली मालिक कौन है
आपको बता दें कि VP गुप्ता Rau's IAS Study Circle एंड founder Bazm-e-khas at Rau's IAS Study Circle के चेयरमैन हैं. VP गुप्ता मौत के कोचिंग सेंटर के सिर्फ चेयरमैन ही नहीं हैं. वो Rau's IAS Study Circle के CMD यानी Chief Managing Director भी हैं. Rau's IAS की Official Website पर इसकी जानकारी दी गई है.
कोचिंग सेंटर के चेयरमैन VP गुप्ता
तो कोचिंग सेंटर के चेयरमैन VP गुप्ता हैं, CMD VP गुप्ता है और पूरी जांच में उनका कहीं नाम ही नहीं है. लेकिन सबूत सिर्फ ये नहीं है, ये तो LINKED IN प्रोफाइल है. हो सकता है कोई आए बोल दे कि किसी और ने बनाया है. सबसे पुख्ता सबूत Ministry Of Corporate affair के दस्तावेज में मिलता है. इसमें मौत के कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन है. इसमें Rau's IAS Study Circle को चलाने वाली कंपनी के दो डायरेक्टर बताए गए हैं. जिनमें एक VP गुप्ता हैं, जो 1989 से डायरेक्टर पद पर हैं. यानी पिछले 35-36 सालों से यही डायरेक्टर हैं.
पुलिस क्यों सच छिपा रही
तो अब सवाल ये कि पुलिस क्यों कह रही है कि अभिषेक गुप्ता ही कोचिंग सेंटर के मालिक हैं. क्या दिल्ली पुलिस जानबूझकर मौत के कोचिंग सेंटर के असली मालिक को बचा रही है? तीन बच्चों की जान चली गई और यहां कोचिंग सेंटर के मालिक का नाम ही गलत बताया जा रहा है. Zee News ने जब ये सवाल दिल्ली पुलिस से किये तो कैमरे पर पुलिस अधिकारियों ने बयान देने से मना कर दिया. लेकिन Off The Record सफाई दी है.
दिल्ली पुलिस का झूठा दावा
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक कोचिंग सेंटर के चेयरमैन वीपी गुप्ता ज्यादा बुजुर्ग हैं. वीपी गुप्ता ने अपने दामाद, अभिषेक गुप्ता को कोचिंग सेंटर का मालिक बना रखा है. इस कोचिंग को चलाने के सारी कागजी दस्तावेज में अभिषेक गुप्ता का ही नाम है. यानी दिल्ली पुलिस दावा कर रही है कि अभिषेक गुप्ता ही कोचिंग सेंटर का मालिक है.
कोचिंग सेंटर का कोर्डिनेटर गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस कोचिंग सेंटर के कोर्डिनेटर को गिरफ्तार की है. क्या उसकी परमीशन से बेसमेंट में कोचिंग सेंटर चल रहा था? दिल्ली पुलिस बेसमेंट के मालिक को गिरफ्तार कर लेती है.. क्या तीन छात्रों की मौत के लिए उसे जिम्मेदार माना जा सकता है? यहां तक कि दिल्ली पुलिस ने कोचिंग सेंटर के केयर टेकर यानी देख-रेख, साफ-सफाई करने वाले तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया है. ये सब छोड़िये, दिल्ली पुलिस ने इस केस में एक ऐसी गिरफ्तारी की है जिसने सबको हैरान कर दिया है.
दिल्ली पुलिस का IQ लेवल कितना Low
हादसे के बाद एक वीडियो सामने आया था. जिसमें घटना के वक्त एक कार पानी से निकल रही है. दिल्ली पुलिस ने कोचिंग सेंटर में पानी भरने का जिम्मेदार इस कार को चला रहे शख्स को भी माना है. और उसे गिरफ्तार भी कर लिया है. दिल्ली पुलिस का IQ लेवल कितना Low है. इस बात से समझिये कि पुलिस कह रही है कि इस कार की वजह से पानी में जो लहरें उठीं, उससे कोचिंग सेंटर के बेसमेंट का गेट टूट गया. जिसकी वजह से बेसमेंट में पानी तेजी से भरा. अब दिल्ली पुलिस से कोई पूछे कि ये ग्रिल का गेट था या कोई बांध, जो टूट गया.
दिल्ली पुलिस की मंशा पर शक
इससे दिल्ली पुलिस की मंशा पर शक होता है. क्योंकि दिल्ली पुलिस ऐसे लोगों को तो गिरफ्तार कर रही है जिनका इस घटना में कोई दोष साबित ही नहीं होता. लेकिन कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के सबसे बड़े जिम्मेदार यानी कोचिंग सेंटर के मालिक, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार नहीं कर रही. तो क्या तीन छात्रों की मौत के जिम्मेदार वीपी गुप्ता को सिर्फ इसलिए क्लीन चिट दे दी गई क्योंकि वो बुजुर्ग हैं या बात कुछ और है. क्या VP गुप्ता के कनेक्शन इतने ऊपर तक हैं कि पुलिस उनपर हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर पा रही है. या VP गुप्ता के साथ पुलिसवालों ने ही कोई सेटिंग कर ली है? अगर ऐसा नहीं है तो फिर दिल्ली पुलिस कोचिंग सेंटर के असली मालिक के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं ले रही है.