कौन हैं देश की पहली किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी, राजनीति में आजमाया हाथ और फिल्मों में भी किया काम
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कौन हैं देश की पहली किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी, राजनीति में आजमाया हाथ और फिल्मों में भी किया काम

Nirmohi Akhara Mahamandaleshwar Himangi Sakhi: पुरुष और महिला कथावाचक तो आपने कई देखे होंगे लेकिन किन्नर कथावाचक बहुत ही कम देखने को मिलती हैं. आज हमको ऐसी ही एक किन्नर कथावाचक और भागवताचार्य महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के बारे में बताने जा रहे हैं.

Himangi Sakhi Kinnar Jagatguru

Himangi Sakhi Kinnar Jagatguru:महाकुंभ नगर में किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी के कैंप पर दर्जनों की संख्या में पहुंचे युवकों ने हमला किया. किन्नर अखाड़े की विवादित आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के लोगों पर हमले का आरोप लगा है. आइए जानते हैं देश की पहली किन्नर कथा वाचक हिमांगी सखी कौन हैं..

कौन हैं ह‍िमांगी सखी?

ह‍िमांगी सखी क‍िन्नर अखाड़ा से संबंध रखने वालीं एक बड़ा नाम है. वह देश की पहली किन्नर कथा वाचक भी हैं. हिमांगी सखी का जन्म गुजरात के बड़ौदा में हुआ था. साल 2024 लोकसभा चुनाव में ह‍िमांगी सखी, पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने ऐलान के बाद सुर्खियों में आईं थीं. वे 2014 में वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि 2019 में दी गई थी.यह उपाधि उन्हें नेपाल के पशुपतिनाथ पीठ के द्वारा दी गई थी.प्रयागराज में हुए कुंभ के दौरान आचार्य महामंडलेश्वर गौरी शंकर महाराज ने उन्हें यह उपाधि दी थी.

पांच भाषाओं में भागवत कथा

हिमांगी सखी पांच भाषाओं की ज्ञाता हैं और इन पांचों भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं.हिमांगी सखी, देश की पहली किन्नर जगतगुरु हैं. वे एक जानी-मानी कथावाचक भी हैं. उन्हें हिन्दी, अंग्रेज़ी, पंजाबी, गुजराती, और मराठी भाषाएं आती हैं. हिमांगी सखी विदेशों में भी भागवत कथा करती हैं. हिमांगी सखी विश्व की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हैं.

देश विदेश में करती हैं भागवत

भागवत कथा सुनाने की उनकी शुरुआत मॉरीशस से हुई. उन्होंने वहां अंग्रेजी में भागवत सुनाई. वह देश और विदेश में भागवत सुनाने के लिए जाती रहीं. स्पेन, बहरैन, सिंगापुर जैसे देशों के अलावा उन्होंने भारत के भी कई राज्यों में भागवत कथा का पाठ किया है.

फिल्मों में काम कर चुकी हैं हिंमागी सखी मां

महामंडलेश्वर बनने से पहले हिंमागी सखी फिल्मों में काम कर चुकी हैं. हिंमागी सखी फिल्मों में काम करने के साथ-साथ शास्त्रों का भी अध्ययन भी करती है. शास्त्रों का अध्ययन पूरा हो जाने के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया. इसके बाद वो सिर्फ श्री हरि के नाम का सिमरन करने लगीं.

भगवान कृष्ण के प्रति था आकर्षण

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए बताया कि उन्हें बचपन से ही भगवान कृष्ण के प्रति आकर्षण था.वह उनको अपना आराध्य मानती थीं. कृष्ण भक्ति की उनकी शुरुआत मुंबई के उनके घर के नजदीक बने इस्कॉन मंदिर से हुई. यहां उन्होंने भगवान कृष्ण के बारे में जाना.इसके बाद वह दिल्ली और वृंदावन गईं. उनके मुताबिक अपने प्रथम गुरु से भी उनकी मुलाकात वृंदावन में हुई थी.

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