Viral Fever: इस वेरिएंट में अब तक 40 से ज्यादा म्यूटेशन्स हो चुके हैं, इतनी तेजी से शक्ल बदलने वाला ये कोविड का पहला वेरिएंट कहा जा सकता है. भारत में अभी JN.1 का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है.
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Corona New Variant: वायरल बीमारियों के साथ सबसे बड़ी परेशानी यही है कि वो कभी खत्म नहीं होती हैं. बल्कि म्यूटेट होकर यानी नई नई शक्ल में वापस आती रहती हैं. जिसे साइंस की भाषा में म्यूटेशन कहा जाता है. कोरोना का वायरस एक बार फिर म्यूटेट होकर एक नए वेरिएंट के रुप में आ गया है. इस वेरिएंट का नाम है JN.1 ये वेरिएंट BA.2.86 का ही एक प्रकार है. दिवाली का सीजन है, ऐसे में अगर बुखार आए तो सावधान रहने की जरूरत है.
तेजी से शक्ल बदलने वाला
दरअसल, WHO ने इस वेरिएंट को लेकर सावधान किया है - इस वॉर्निंग की दो वजहे हैं. पहली वजह ये है कि इस वेरिएंट में अब तक 40 से ज्यादा म्यूटेशन्स हो चुके हैं, इतनी तेजी से शक्ल बदलने वाला ये कोविड का पहला वेरिएंट कहा जा सकता है. दूसरी वजह ये है कि इस पर वैक्सीन से मिली इम्युनिटी काम नहीं कर रही है. ये वेरिएंट सबसे पहले लक्ज़मबर्ग में मिला जो उत्तर पश्चिमी यूरोप का एक छोटा सा देश है. लेकिन अब इसके शिकार हुए मरीज इंग्लैंड, फ्रांस, आइसलैंड और अमेरिका में भी मिल चुके है. एक्सपर्टस के मुताबिक ये तेज़ी से फैला है इसलिए सावधान रहना बेहद जरुरी है.
भारत में JN.1 का कोई मामला दर्ज नहीं
फेलिक्स अस्पताल नोएडा की डॉ ज़ेबा खान ने बताया कि हालांकि भारत में अभी JN.1 का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है लेकिन डेंगू, मलेरिया, टायफायड और कई तरह के वायरल बुखार की मार झेल रहे भारत में नए म्यूटेशन को पकड़ना आसान नहीं होगा. इसलिए सर्दियों की आहट को समझते हुए किसी भी तरह के वायरल बुखार से खुद को बचा कर रखें.
यह बात सही है कि भारत में अभी JN.1 का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है लेकिन JN.1 वेरिएंट को काफी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. यह BA.2.86 की फैमिली से निकला है. JN.1 वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 41 म्यूटेशन हुए हैं. अब तक जितने भी वेरिएंट मिले है उसमें उतना ज्यादा बदलाव नहीं दिखे जितना इस वेरिएंट में दिखे.
JN.1 वेरिएंट के लक्षण
कमोबेश JN. 1 वेरिएंट के लक्षण पुराने वेरिएंट्स से मिलते हैं.
जैसे- ठंड लगकर बुखार आना
सीने में दर्द गोना
सांस लेने में दिक्कत इत्यादि