Waste: इस गांव के लोगों का काम सुनेंगे तो आप भी वाह कह उठेंगे. इन लोगों ने इतना अच्छा सिस्टम सेट कर लिया है कि वे प्लास्टिक इकट्ठा करते हैं और उसके बदले सोना प्राप्त करते हैं. इस आईडिया से पूरे गांव की तस्वीर बदल गई है.
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Plastic Free: कहते हैं कि भारत गांवों का देश है. यहां के गांव अगर साफ और सुथरे हों तो देश की तस्वीर ही बदल जाएगी. हालांकि कई ऐसे गांव हैं जहां पर कुछ बेहतरीन काम किए जा रहे हैं. इन्हीं में से एक गांव है जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले का, जहां के लोग प्लास्टिक मुक्त धरती का सपना देख रहे हैं. इसके लिए उन्होंने पहल भी की है. मीडिया रिपोर्ट्स में आए दिन यह गांव चर्चा का विषय बना रहता है. यहां 20 क्विंटल प्लास्टिक कचरा देने पर एक सोने का सिक्का मिलता है. यह गांव इस समय प्लास्टिक मुक्त है.
असल में यह गांव दक्षिण कश्मीर के मौजूद अनंतनाग जिले में है. इसका नाम सादिवारा है. यहां प्लास्टिक मुक्त करने की जबरदस्त पहल यहां के सरपंच ने शुरू की. गांव के सरपंच फारूक अहमद गनई गांव को प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त बनाना चाहते हैं, पेशे से वकील गनई कई तरह की कोशिशें कर चुके, लेकिन उतनी सफलता नहीं मिली थी. लेकिन उन्होंने एक ऐसा ऐलान कर दिया कि लोगों की भीड़ लग गई. जैसे ही इस बात का ऐलान हुआ तो वहां का कचरा ही खत्म हो गया.
बताया जाता है कि सरपंच ने 'प्लास्टिक दो और सोना लो' नाम से अभियान शुरू किया था. इस योजना के तहत यदि कोई 20 क्विंटल प्लास्टिक कचरा देता है तो पंचायत उसे एक सोने का सिक्का देगी. हालत ये हो गई कि अभियान शुरू होने के बाद 15 दिन के अंदर पूरे गांव को प्लास्टिक मुक्त घोषित कर दिया गया. कई रिपोर्ट्स में इस बात का भी जिक्र है कि इसे देखकर आसपास की कई अन्य पंचायतों द्वारा भी इसे अपनाया गया है.
वहीं इस गांव के सरपंच का कहना है कि मैंने अपने गांव में इनाम के बदले में पॉलीथिन देने का नारा शुरू किया जो सफल हो गया. मैंने नदियों और नालों को साफ करने की पहल की थी. अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ और गांव की चर्चा की गई है, जहां प्लास्टिक के कचरे को खत्म करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाए गए हैं. इन्हीं में से एक उपाय सोना देने का भी है. यह काफी सफल भी रहा है.