Dead Persons Clothes: किसी भी इंसान की मौत के बाद परिवार वाले उनके कपड़े दान कर देते हैं. हालांकि, लोगों के मन में कई बार ये सवाल भी उठता होगा कि आखिर मरे हुए इंसान के कपड़े क्यों नहीं पहनते हैं. इसके पीछे की वजह गरुड़ पुराण में बताई गई है.
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Garud Puran about Dead Persons Clothes: हिंदू धर्म के सभी पुराणों में गरुड़ पुराण का अपना महत्व है. इसमें भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच की बातचीत का वर्णन है. इस पुराण में मृत्यु और उसके बाद की जिंदगी के बारे में विस्तार से बताया गया है. हिंदू धर्म में अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो कई परिवार वाले उनके कपड़ों को याद की निशानी के तौर पर संभालकर रखते हैं. वहीं, कई लोग इनको दान भी कर देते हैं. हालांकि, मृत व्यक्ति के कपड़ों को घर में संभालकर नहीं रखना चाहिए, उनको दान कर देना चाहिए. इसके बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है.
आत्मा की शांति
मृत व्यक्ति के कपड़ों को दान करने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक वजह है. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मौत के बाद इंसान की आत्मा इस संसार के प्रति मोह नहीं छोड़ पाती है. ऐसे में जरूरी है कि आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए उनसे जुड़ी चीजों को दान कर देना चाहिए.
मृतक का जुड़ाव
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद उस इंसान के कपड़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि मृतक का अपनी चीजों के प्रति जुड़ाव रहता है. ऐसे में आत्मा खुद के कपड़े या अन्य चीजों के प्रति आकर्षित होती है.
बीमार
वहीं, साइंस में भी मृत व्यक्ति के कपड़ों का इस्तेमाल सही नहीं बताया गया है. मृतक के कपड़े पहनने से जीवित व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो सकते हैं, क्योंकि ऐसा करने से जीवित इंसान का मृतक के साथ जुड़ाव हो जाता है और वह उन्हें याद करने लगते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)