Bengaluru News : बेंगलुरू में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां रेल पटरी की झाड़ियों से जब करोड़ों रुपये के अमेरिकी डॉलर एक बैग में भरे मिले तो बवाल मच गया.
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Bengaluru ragpicker finds dollar: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू की पुलिस सकते में है. हो भी क्यों न क्योंकि उसे लाख टके का नहीं बल्कि कई मिलियन डॉलर का सवाल परेशान कर रहा है. इस गुत्थी को सुलझाने में पुलिस जुटी है. वहीं इस अजीबोगरीब कहानी को सुनकर तब अच्छे-अच्छों के पसीने छूट गए. जब उन्हें पता चला कि कूड़ा बिनने वाले एक शख्स को रेल ट्रैक की झाड़ियों में 2.5 मिलियन डॉलर कैश मिले हैं. अब यही मिलियन डॉलर का सवाल बेंगलुरु पुलिस को परेशान कर रहा है.
पुलिस कमिश्नर की मामले पर नजर- RBI को लिखी गई चिट्ठी
इस मामले की जांच जारी है. पुलिस कमिश्नर नजर रखए हैं. मौके पर पहुंची हेब्बाल पुलिस के अफसर भी दंग रह गए. अब इस मामले में आया ट्विस्ट लोगों को परेशान कर रहा है. ऐसे में आरबीआई को पत्र लिखकर हेब्बल पुलिस सच्चाई का पता लगाने में जुटी है. इस केस में जो US डॉलर मिले हैं, उनके नकली होने की आशंका जताई जा रही है.
इस रकम का सोर्स क्या है?
पुलिस को लग रहा है कि कि ये कलर प्रिंटर के जरिए बनाए गए हो सकते हैं. इस एंगल से ज़ेरॉक्स पर शक जा रहा है. दूसरा बड़ा सवाल ये है कि आखिर झाड़ियों में मिली इस बड़ी रकम किसकी है और वो रेल ट्रैक तक कैसे पहुंची?
पटरियों के किनारे बिखरे थे नोट
बीते रविवार को एक बॉक्स में लाखों डॉलर की रकम मिली थी. वहीं ट्रेन की पटरियों के किनारे कई फटे हुए डॉलर पड़े थे. जिस शख्स को डॉलर मिले थे, उसने अपने मालिक को इसकी खबर दी. इसी बीच मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य व्यक्ति ने पुलिस कमिश्नर को फोन लगा दिया. सूचना मिलते ही मामले को हेब्बाल थाने के संज्ञान में लाया गया. अब हेब्बाल पुलिस इस लाखों डॉलर की रकम को जब्त कर जांच कर रही है.
पूरे शहर में चर्चा
जब्त डॉलर्स के साथ पुलिस की टीम को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लेटरहेड पर लिखा एक पत्र भी मिला है. जिसमें लिखा है कि ये रकम विकास के कार्यों के लिए अमेरिका से भेजी गई है. पत्र में ये उल्लेख भी किया गया है कि इन रकम को गोपनीय रखा जाना चाहिए. इसके अलावा पुलिस ने बताया कि डॉलर नोटों के सीरियल भी चेक किए जा रहे हैं. फिलहाल ये डॉलर असली हैं या नकली? ये कैसे इंडिया आए? आरबीआई, वर्ल्ड बैंक या वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन जैसी किसी संस्था या फिर अमेरिकी सरकार की ओर से कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. ऐसे में करोड़ों की कीमत के ये डॉलर पूरे शहर की सुर्खियों में बने हुए हैं.