मोतिहारी के केसरिया थाना क्षेत्र में पुलिस की पिटाई का मामला 18 घंटे बाद मीडिया के दबाव में दर्ज किया गया, एफआईआर में चार निर्दोष लोगों के नाम पर सवाल उठ रहे हैं.
Trending Photos
मोतिहारी जिले के केसरिया थाना क्षेत्र में चार दिन पहले हुई एक सड़क दुर्घटना के बाद पुलिस पर हुए हमले की एफआईआर घटना के 18 घंटे बाद दर्ज की गई. हैरानी की बात यह है कि एफआईआर तब दर्ज हुई जब मीडिया ने एसपी के संज्ञान में यह मामला लाया. यह घटना 11 फरवरी की शाम राजपुर गांधी चौक पर तब घटी जब पुलिस की बोलेरो और एक ऑटो के बीच टक्कर हो गई. इस हादसे में इंटरमीडिएट की परीक्षा देकर लौट रही तीन छात्राएं और एक अभिभावक सहित पांच लोग घायल हो गए. दुर्घटना के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई और उसी दौरान दो राहगीरों ने पुलिस चालक को थप्पड़ जड़ दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
पुलिस की चुप्पी पर सवाल
हैरानी की बात यह है कि इस घटना को लेकर केसरिया थानाध्यक्ष को दूसरे दिन तक कोई जानकारी नहीं थी. एफआईआर भी एसपी के हस्तक्षेप के बाद दर्ज की गई. इस मामले में पुलिस चालक द्वारा दी गई शिकायत में ऑटो चालक को ही दोषी ठहराया गया. एफआईआर में चार नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों पर मारपीट सहित गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
स्थानीय लोगों की नाराजगी
इस घटना को लेकर इलाके में भारी आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि एफआईआर में शामिल चारों लोग निर्दोष हैं. आरोपित किए गए एक शिक्षक के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उनके बचाव में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन की बात की जा रही है. घटना के समय वे मॉल में खरीदारी कर रहे थे, जिसका रिकॉर्ड उपलब्ध है. इलाके में यह कहावत अभी चर्चा में है—"खेत खाए गधा और मार खाए जोलहा." स्थानीय लोगों में पुलिस की भूमिका को लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है.
एसपी ने की इनाम की घोषणा
पुलिस पर हमला करने वाले दो अज्ञात व्यक्तियों की पहचान के लिए एसपी ने उनकी तस्वीरें जारी की हैं और पांच-पांच हजार रुपये इनाम की घोषणा की है. हालांकि, वायरल वीडियो में सिर्फ दो थप्पड़ लगते दिखाई दे रहे हैं, जबकि एफआईआर में गंभीर आरोप दर्ज हैं.
पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस बिना ठोस सबूत के निर्दोष लोगों को फंसा रही है. ग्रामीणों ने मांग की है कि यदि पुलिस के पास आरोपितों के खिलाफ कोई वीडियो प्रमाण है तो उसे सार्वजनिक किया जाए.
इस संबंध में मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा, "जितना जरूरी दोषी को जेल भेजना होता है, उससे ज्यादा जरूरी निर्दोष को जेल जाने से बचाना भी होता है. इसका स्पष्ट निर्देश जिले के सभी थानाध्यक्षों को दिया गया है."
एसपी की इस टिप्पणी से उम्मीद जताई जा रही है कि जांच निष्पक्ष होगी और निर्दोष लोगों को न्याय मिलेगा.
यह भी पढ़ें- बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव, सीएम नीतीश ने की कई दूरदर्शी पहल
बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi हर पल की जानकारी . बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!