Arvind Kejriwal ED Summon: ईडी वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी है और यह वित्तीय गबन, धोखाधड़ी की जांच करती है. इसी एजेंसी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को को दिल्ली शराब घोटाले में पूछताछ के लिए समन जारी किया है.
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Arvind Kejriwal ED Summon: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन कर 2 जून को पूछताछ के लिए बुलाया था. हालांकि पहले से तय कार्यक्रमों का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए. साथ ही उन्होंने ईडी के नोटिस को राजनीति से प्रेरित और गैरकानूनी बताया. अब सवाल यह है कि ईडी का अगला कदम क्या होगा. क्या ईडी अरविंद केजरीवाल को दूसरा नोटिस भेजेगी या फिर सीधे गिरफ्तार कर लेगी. मीडिया में यह भी चर्चाएं हैं कि अगर अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होते हैं तो ईडी उन्हें सीधे गिरफ्तार कर सकती है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ईडी को ऐसा अधिकार है.
क्या है प्रवर्तन निदेशालय?
इसके लिए सबसे पहले हम ईडी के अधिकार और उसके काम करने के तरीके के बारे में जान लेते हैं. ईडी वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी है और यह वित्तीय गबन, धोखाधड़ी की जांच करती है. आजादी के बाद 1947 में विदेशी मुद्रा नियमन कानून बनाया गया था, जिस पर वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक डिपार्टमेंट अफेयर्स का कंट्रोल था. 1956 में प्रवर्तन ईकाई बनी. 1957 में इसका नाम बदलकर डायरेक्टोरेट आफ एनफोर्समेंट या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट रखा गया, जो ईडी के नाम से जाना जाने लगा. 1960 में ईडी को रेवेन्यू डिपार्टमेंट में शिफ्ट कर दिया गया और अब भी यह उसी में काम कर रहा है.
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कैसे काम करती है ईडी?
फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत ईडी काम करती है. इसके अलावा यह आपराधिक श्रेणी वाले फाइनेंशियल फ्रॉड और मनी लांड्रिंग के मामले भी देख रही है. यह प्रीवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई करती है. इसके अलावा एजेंसी के पास मनी लांड्रिंग के आरोपों को लेकर भी धन संपति जब्त करने और गिरफ्तारी करने का अधिकार है. यह पीएमएलए के तहत संपत्ति जब्त कर सकती है, छापा मार सकती है और किसी की गिरफ्तारी भी कर सकती है. ईडी की ताकत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह बिना पूछताछ के संपत्ति जब्त कर सकती है.
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