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Jains Protest: झारखंड सरकार द्वारा श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल के रूप में नामित करने की योजना और गुजरात के पलिताणा में जैन मंदिर में तोड़फोड़ का मामले पर विवाद बढ़ता जा रहा है. इसके विरोध में दिल्ली, गुजरात, मुंबई और देश के अन्य हिस्सों में जैन समाज के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इस मामले में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी जैन समाज के समर्थन में सरकार पर हमला बोला है.
जैन समाज के विरोध का समर्थन करते हुए AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी सरकार के सामने मांग रखी है. ओवैसी ने ट्वीट किया है कि हम जैन समाज के लोगों के समर्थन में खड़े हैं. झारखंड सरकार को अपना फैसला रद्द करना चाहिए. इतना ही नहीं ओवैसी ने गुजरात में हुई तोड़फोड़ पर सीएम से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील भी की.
We support this Jain community protest and the Jharkhand government must rescind the decision & @CMOGuj must take strong action. https://t.co/Ngcdh88kFS
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 1, 2023
झारखंड के गिरिडीह जिले में शिखरजी के श्रद्धेय जैन मंदिर की मेजबानी की जाती है. यह पारसनाथ पहाड़ी झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी भी है. दिगंबर और श्वेतांबर दोनों इसे सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ (तीर्थ स्थल) मानते हैं, क्योंकि यह वह जगह है जहां 24 जैन 'तीर्थंकरों' में से 20 ने कई अन्य भिक्षुओं के साथ मिलकर मोक्ष प्राप्त किया.
इस बीच, सेठ आनंदजी कल्याणजी ट्रस्ट और नीलकंठ महादेव सेवा समिति के बीच मतभेद 16 दिसंबर को पलिताना में शेत्रुंजय पहाड़ी पर एक लोहे के खंभे और एक बोर्ड के क्षतिग्रस्त होने के कारण बढ़ गया. इसे जैन समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा माना गया.
महाराष्ट्र के मंत्री एमपी लोढ़ा ने कहा कि हम गुजरात के पलिताणा में मंदिर की तोड़फोड़ और सम्मेद शिखरजी पर झारखंड सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. गुजरात सरकार ने कार्रवाई की है लेकिन हम उनसे (जिन्होंने मंदिर में तोड़फोड़ की) सख्त कार्रवाई चाहते हैं. आज 5 लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर हैं. धार्मिक अल्पसंख्यक, जैन समुदाय द्वारा इसी तरह के विरोध प्रदर्शन कर्नाटक, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी देखे गए.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)