Rajasthan News: बीकानेर जिले में 21 मई 2018 को दो सांडो के लड़ाई में एक शख्स आशाराम सुधार की मौत हो गई थी. आशाराम सुधार की उम्र 40 साल थी. आशाराम बीकानेर के केसरदेसर जाटान गांव के रहने वाले थे. उनके परिजन मुआवजे के लिए कोर्ट चले गए थे. कोर्ट ने सरकार और पंचायत समिति को दोषी माना है.
Trending Photos
Rajasthan News: राजस्थान के बीकानेर जिले में 21 मई 2018 को दो सांडो के लड़ाई में एक शख्स आशाराम सुधार की मौत हो गई थी. आशाराम सुधार की उम्र 40 साल थी. आशाराम के परिवार में उसकी पत्नी, तीन बच्चे और माता-पिता कुल मिलाकर 6 लोग थे, 21 मई को जब आशाराम सुबह गली से गुजर रहा था, तो दो सांड लड़ रहे थे, तो इस दौरान सांडो ने आशाराम को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी.
यह भी पढ़ें- Jaipur News: ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत सिंधी कैंप थाना पुलिस की बड़ी कार्रवाई
आशाराम बीकानेर के केसरदेसर जाटान गांव के निवासी थे. उनके परिजन मुआवजे के लिए कोर्ट चले गए थे. इसके बाद सांडों के हमले में हुई युवक के मौत का जिम्मेदार कोर्ट ने सरकार और पंचायत समिति को माना है. बीकानेर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अतुल कुमार सक्सेना ने पंचायत समिति और राज्य सरकार को आशाराम की मौत का दोषी मानते हुए 33 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया है.
पंचायत समिति और राज्य सरकार को करना होगा भुगतान
पंचायत समिति और राज्य सरकार को मृतक के वारिसों को 33.25 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. कोर्ट ने मृतक की क्षतिपूर्ति पेटे 32 लाख 52 हजार 600 रुपये, सहजीवन क्षति मद में 40 हजार, अंतिम संस्कार के 15 हजार और लॉस ऑफ स्टेट के 15 हजार रुपये देने का आदेश दिया.
आशाराम पर 6 लोग थे निर्भर
कोर्ट ने आगे कहा कि आशाराम की सुधारी कार्य और कृषि से सालाना आया 2 लाख 89 हजार 117 रुपये होती है, जो मासिक 24 हजार 93 रुपये आंकी गई है, उसके परिवार में पत्नी, तीन बच्चे और माता-पिता सहित 6 लोगा आश्रित थे. ऐसे में मृतक के खर्च के रूप में 6023 रुपए कम किए जाएं, तो निर्भरों के लिए शेष राशि 18070 रुपये रह जाती है. इस आधार पर 32,52,600 रुपये क्षतिपूर्ति तय की गई.
कोर्ट ने ग्राम पंचायत और राजस्थान सरकार को ठहराया जिम्मेदार
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ग्राम पंचायत केसरदेसर जाटान और राजस्थान सरकार को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि आम नागरिकों की सुरक्षा और आवारा पशुओं का देख-रेख करने का दायित्व जिम्मेदारों का है. पशुओं को गौशालाओं में डालें या सरकार की योजनाओं में व्यवस्था कर आमजन की सुरक्षा करें. लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. इसलिए आशाराम को जान गंवानी पड़ी.