Bareilly News : बरेली में मुहर्रम जुलूस के दौरान हुए दंगे के बाद 11 मुस्लिम परिवार पलायन कर गए थे. अब 6 महीने बाद पुलिस ने घर वापसी कराई है. घर लौटने पर परिवार के आंखों में आंसू छलक आए.
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अजय कश्यप/बरेली: बरेली के शाही के गौसगंज में 6 महीने बाद 11 मुस्लिम परिवारों की घर वापसी हो गई. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इन परिवारों की घर वापसी करवाई गई है. 6 महीने पहले मोहर्रम के जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद कई मुस्लिम परिवार भय की वजह से गांव से पलायन कर गए थे. हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन ने दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की थी. 50 से अधिक दंगाइयों को जेल भेज दिया गया था जबकि कई के घरों पर बुलडोजर की कार्यवाही हुई थी.
यह है पूरा मामला
दरअसल, 19 जुलाई 2024 को हीरालाल के इकलौते बेटे तेजपाल की घर से खींचकर मस्जिद में ले जाकर पीट पीट कर निर्मम हत्या कर दी गई थी. हीरालाल के इकलौते बेटे की हत्या के बाद उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था. इस मामले में हीरालाल की ओर से शाही थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया गया था. इसके बाद गांव में काफी बबाल हुआ था. मौके पर कई थानों की पुलिस और पीएसी को लगाना पड़ा था. तब जाकर हालात में सुधार आया था.
51 दंगाइयों के खिलाफ की गई थी कार्रवाई
इसके बाद पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर 51 दंगाइयों के घरों पर बुलडोजर की कार्यवाही की थी और 14 घरों पर बुलडोजर भी चलाया गया था. इसके बाद 50 से अधिक मुस्लिम परिवार डर के कारण गांव से पलायन कर गए थे. पिछले महीने दिसंबर में पुलिस ने 6 परिवारों को घर वापसी करवाई थी. इसके बाद एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर 11 परिवारों की घर वापसी करवाई.
कड़ी सुरक्षा में घर पहुंचाया गया
एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर सीओ सिटी पंकज श्रीवास्तव ने पलायन करने वाले लोगों को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में घर पहुंचाया. 6 महीने बाद जब ये परिवार अपने घरों में पहुंचे तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे तो एक डर भी बना हुआ था. सीओ सिटी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि इसमें रुकसाना, परवीन, शबनम, सफिकन, शाहेनूर, मोमिन, सहाना, साबिया, हाजरा, अरमाना, लइकन शामिल हैं.
सभी आरोपी अभी जेल में बंद
सीओ सिटी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करते हुए 51 लोगों को गिरफ्तार कर कर जेल भेज दिया था. 14 दंगाइयों के घरों पर पुलिस प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई की थी. इसके बाद गांव से कई सारे विशेष समुदाय के लोग पलायन कर गए थे. इस मामले में मुख्य आरोपी बख्तावर के खिलाफ NSA के तहत भी कार्रवाई की गई थी. सभी आरोपी अभी भी जेल की सलाखों के पीछे है. डर की वजह से ज्यादातर लोग अपने अपने घरों से पलायन कर गए हैं.