Mamta Kulkarni Mahamandleshwar News: पिछले दिनों महाकुंभ पहुंचींं ममता कुलकर्णी ने 24 जनवरी को खुद का पिंडदान कर संन्यासी बन गई थीं. किन्नर अखाड़ा ने उन्हें महामंडलेश्वर बनाया था. इसके बाद ही विवाद शुरू हो गया था.
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Mamta Kulkarni in Mahakumbh Mela 2025: महामंडलेश्वर बनीं फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. ममता कुलकर्णी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर महामंडलेश्वर पद छोड़ने का ऐलान किया है. ममता कुलकर्णी ने कहा, आज किन्नर अखाड़े या दोनों अखाड़ों में मुझे लेकर विवाद हो रहा है. इसके चलते इस्तीफा दे रही हूं. मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी साध्वी रहूंगी. गौरतलब है जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमले का आरोप किन्नर महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के समर्थकों पर लगा है, जिसका वीडियो वायरल है.
मैं खुद 25 साल से गायब थी
वीडियो जारी करते हुए ममता कुलकर्णी ने कहा, मैं श्रीमाई ममता नंद गिरि मैं इस पद से इस्तीफा दे रही हूं. मैं 25 साल से साध्वी हूं और मैं साध्वी ही रहूंगी. ये महामंडलेश्वर का जो सम्मान मुझे दिया गया था, यह पद मुझे 25 की तपस्या के बाद मिला है. इसलिए मिला कि आने वाली पीढी को ज्ञान देने के लिए यह पदवी मिली थी. लेकिन यह कुछ लोगों के लिए आपत्तिजनक हो गया. बॉलीवुड तो 25 साल पहले ही छोड़ दी थी. मैं अपने आप गायब रही. वरना मेकअप और बॉलीवुड से कौन दूर रहता है.
बोलीं-मेरे गुरु के बराबरी कोई नहीं
मेरे जो गुरु जिनका नाम श्री चैतन्य गगन गिरी महाराज है, मैं उनके सानिध्य में घोर तपस्या की है. वह सिद्ध महापुरुष थे. उनकी बराबरी में मुझे कोई दिखता भी नहीं है. सब अहंकारी लोग हैं. एक-दूसरे से झगड़ रहे हैं. मेरे गुरु तो काफी ऊंचे हैं. मैंने उनके सानिध्य में तपस्या की है. मुझे किसी कैलाश, मानस और हिमालय में जाने की जरूरत नहीं है. आज मेरे महामंडलेश्वर बनने से जिनको दिक्कत है, उनके बारे में कम ही बोलना चाहती हूं. मैं आचार्य डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का सम्मान करती हूं. जहां तक मेरे पैसे के लेनदेन की बात है. जब मुझसे दो लाख रुपये मांगे गए थे, उस समय मेरे सामने तीन-चार महामंडलेश्वर थे. तीन-चार जगतगुरु थे, उसी रूम के अंदर, तब मैंने कहा था कि तेरे पास दो लाख रुपये नहीं है. तब जाकर वहां बैठी महामंडलेश्वर अंबा गिरी उन्होंने अपनी जेब से दो लाख रुपये दिए थे. फिर भी कहा जा रहा है कि मैंने तीन-चार करोड़ रुपये दिए. पैसे से कोई संन्यासी नहीं बनता. ये घोर तपस्या से बनता है.
धर्म का पतन हो रहा है : अजय दास
ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देने के बाद किन्नर अखाड़ा के संस्थापक ऋषि अजय दास ने कहा कि धर्म का पतन हो रहा है, इसलिए ममता कुलकर्णी का कदम स्वागत योग्य है. कुछ समय पहले ही अजय दास ने ममता कुलकर्णी को अखाड़ा और महामंडलेश्वर पद से निष्कासित किया था.
देखें वीडियो : 25 साल से सब झेल रही हूं...ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद से की तौबा
पांच नए महामंडलेश्वर बनाए गए
ममता कुलकर्णी के इस्तीफे के बीच किन्नर अखाड़ा में नए लोगों को जोड़ने का क्रम जारी है. अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने पांच और नए महामंडलेश्वर बनाए हैं. साथ ही पांच श्रीमहंत का पट्टाभिषेक भी कराया है. इसमें दिल्ली की पूनमनंद गिरि, आशानंद गिरि और श्रीजीनंद गिरि, सीतापुर की काजलनंद गिरि और वृंदावन की मनुनंद गिरि को महामंडलेश्वर बनाया गया. इनके अलावा इंदौर की अंबिकानंद गिरि, प्रयागराज की संध्यानंद गिरि और संजनानंद गिरि, मुंबई की नवनीतनंद गिरि, महाराष्ट्र पालघर की अंवितानंद गिरि और भाविकानंद गिरि श्रीमहंत बनी हैं.
24 जनवरी को महामंडलेश्वर बनी थीं
बता दें कि ममता कुलकर्णी ने 24 जनवरी को महामंडलेश्वर बनी थीं. संगम में स्नान के बाद खुद का पिंडदान भी किया था. इसके बाद अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका भव्य रूप से पट्टाभिषेक कराया था. उनका नया नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि रखा गया. कुछ ही दिन बाद अब उन्होंने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है.
किन्नर अखाड़ा के संस्थापक ने उठाए थे सवाल
दरअसल, ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर किन्नर अखाड़ा के संस्थापक ऋषि अजय दास ने प्रेस रिलीज जारी कर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाडा से निष्काषित कर दिया था. ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर सवाल उठाए थे. इसके बाद किन्नर अखाड़े में दो फाड़ हो गई थी. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी ऋषि अजय दास पर पलटवार किया था.
कौन हैं ममता कुलकर्णी?
ममता कुलकर्णी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत बॉलीवुड से नहीं, बल्कि साउथ की फिल्मों से की थी. उन्होंने 1991 में तमिल फिल्म नानबर्गल से डेब्यू किया, जो एक सुपरहिट फिल्म थी. इसके बाद उन्होंने तेलुगू फिल्म प्रेमशिखाराम (1992) से टॉलीवुड में कदम रखा. कन्नड़ सिनेमा में भी उन्होंने विष्णु विजया (1993) से शुरुआत की, जो बड़ी हिट रही. बॉलीवुड में ममता कुलकर्णी ने मेरा दिल तेरे लिए से डेब्यू किया, लेकिन उन्हें असली पहचान तिरंगा, करण अर्जुन, वक्त हमारा है और सबा काश्मीरी जैसी फिल्मों से मिली.
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