महाकुंभ में हर दिन संगम से निकल रहा है 10-15 टन कचरा, जानें कैसे काम करता है ट्रैश स्कीमर मशीन?
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महाकुंभ में हर दिन संगम से निकल रहा है 10-15 टन कचरा, जानें कैसे काम करता है ट्रैश स्कीमर मशीन?

Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रयासरत है. इसके चलते विश्व के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ की तैयारी करीब 4 साल पहले ही शुरू कर दी गई थी. इसके लिए  नदी में ट्रैश स्कीमर मशीन चलाई जा रही है.

महाकुंभ में हर दिन संगम से निकल रहा है 10-15 टन कचरा, जानें कैसे काम करता है ट्रैश स्कीमर मशीन?

Mahakumbh में गंगा-यमुना को स्वच्छ, निर्मल बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रतिबद्ध है. आने वाले श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर अपने साथ भक्ति के साथ स्वच्छता का भाव भी ले जाएं, इसके लिए प्रयागराज नगर निगम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को साकार करने में लगा हुआ है. न केवल मैनुअल, बल्कि आधुनिक तरीके से भी गंगा-यमुना के संगम को स्वच्छ बनाने का काम हो रहा है. इसके लिए बाकायदा ट्रैश स्कीमर मशीन लगाई गई है. यह मशीन हर दिन गंगा-यमुना से 10 से 15 टन कचरा निकाल रही है.

 नदी में चलाई जा रही है ट्रैश स्कीमर मशीन

संगम में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को साफ और स्वच्छ जल मिले, इसके लिए एक ट्रैश स्कीमर मशीन लगाई गई, तब यह मशीन 50-60 क्विंटल कचरा हर दिन निकालती थी. उसकी कार्य प्रणाली को देखते हुए करीब दो साल पहले एक और मशीन को प्रयागराज नगर निगम ने खरीदा. इसके बाद नदियों की सफाई की रफ्तार दोगुनी हो गई.

क्या है, ट्रैश स्कीमर मशीन?

- ट्रैश स्कीमर की मदद से पानी की सतह पर तैर रहे कचरे को इकट्ठा किया जाता है. इस मशीन का इस्तेमाल नदियों, बंदरगाहों और समुद्रों में कचरा साफ करने के लिए होता है.

- यह मशीन प्लास्टिक, बोतलें, धार्मिक कचरा, कपड़े, धातु की वस्तुएं, पूजा अपशिष्ट, मृत पशु और पक्षी आदि को एकत्र करती है.

- यह पानी से खरपतवार (जलकुंभी) को हटाने में भी सहायक है.

दोनों नदियों में सफाई कर रही मशीन की क्षमता 13 क्यूबिक मीटर है. ये मशीनें चार किमी का एरिया नदी में कवर करती हैं, यानी संगम क्षेत्र से लेकर बोट क्लब सहित अन्य दूरी तक सफाई करती है. इन मशीनों की मदद से गंगा के साथ ही यमुना को भी साफ किया जा रहा है. अफसरों के मुताबिक, महाकुंभ शुरू होने के बाद मशीन से कचरा एकत्र करने में 20 गुना तक बढ़ोतरी हुई है. ये मशीन सतह पर तैरने वाले फूल-माला, दोना-पत्तल, अगरबत्ती- धूपबत्ती के रैपर, प्लास्टिक, नारियल, कपड़े आदि को निकाल लेती है.

किस तरह काम करती है ट्रैश स्कीमर?

- मशीन के दोनों ओर गेट होते हैं, इनके अंदर कन्वेयर बेल्ट लगी होती है.

- ये गेट सामग्री को फंसाने के लिए हाइड्रॉलिक रूप से बंद हो जाते हैं.

- कचरे को एकत्र करने के बाद कन्वेयर बेल्ट पर ट्रांसफर किया जाता है.

- इसके बाद वहां से कचरा अनलोडिंग कन्वेयर बेल्ट पर जाता है और उसे बाहर कर दिया जाता है.

नगर निगम के अधिकारी बताते हैं कि मशीन से एकत्र किए गए कचरे को निस्तारित करने के लिए नैनी के पास ही एक जगह डंप किया जाता है. वहां से इस कचरे को रोजाना गाड़ियों द्वारा बसवार स्थित प्लांट में ले जाते हैं. जहां इस कचरे से नारियल, प्लास्टिक और अन्य सामग्री को अलग किया जाता है. प्लास्टिक को रिसाइकिल के लिए भेजा जाता है, जबकि अन्य सामग्री, जो लायक होती है, उसे खाद बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. मुंबई से मंगाई गई इस मशीन के संचालन का जिम्मा भी करीब 5 साल के लिए कंपनी को ही दिया गया है. (रिपोर्ट- आईएएनएस)

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