How To Rebuild Trust In Marriage: विश्वास के बिना पति-पत्नी का रिश्ता ज्यादा दिन तक कायम नहीं रह सकता है. इसमें पैसे का सबसे अहम रोल होता है. ज्यादातर रिश्ते फाइनेंशियल कारणों से बिखरते हैं. ऐसे में यदि आप अपनी शादी में इसकी शुरुआती देख रहे हैं तो यह टिप्स आपके रिश्ते को बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं.
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किसी भी रिश्ते में विश्वास सबसे मजबूत आधार होता है. जब यह विश्वास टूटता है, तो इसका असर केवल व्यक्ति को इमोशनली तोड़कर रख देता है. खासकर तब, जब एक साथी गुपचुप तरीके से कर्ज लेता है या बिना पार्टनर को बताए पैसा कहीं लगा देता है.
ऐसे में रिलेशनशिप कोच विशाल भारद्वाज बताते हैं कि इस तरह के घटनाक्रम रिश्ते में तनाव और दूरी पैदा कर सकते हैं, जिससे दोबारा विश्वास बनाना मुश्किल होता है. लेकिन अगर दोनों साथी मिलकर इस स्थिति को समझते हुए, अपने इमोशन को कंट्रोल करके और ईमानदारी से बात करते हैं, तो विश्वास को मजबूत किया जा सकता है. ऐसे में यदि आप अपने पार्टनर के साथ फाइनेंशियल कारणों से अलगाव महसूस करने लगे हैं तो ये टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं-
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पति-पत्नी के बीच दोबारा विश्वास को कैसे बढ़ाएं
- यदि आपका पार्टनर बिना बताए कर्ज ले ले या किसी को दे दे तो सबसे पहला कदम है, अपनी भावनाओं को शांत रखना. गुस्से में आकर प्रतिक्रिया करने से स्थिति और बिगड़ सकती है. स्थिति को समझने के लिए आपको खुद को थोड़ा समय देना होगा, ताकि आप सही तरीके से निर्णय ले सकें. यह भी जरूरी है कि आप यह समझने की कोशिश करें कि आपके साथी ने यह फैसला क्यों लिया और क्या किसी दबाव के कारण ऐसा किया.
- रिश्ते में विश्वास फिर से बनाने के लिए बात करना बहुत जरूरी है. अपने पार्टनर से आराम से बात करें और उनसे यह जानने की कोशिश करें कि उन्होंने यह फैसला क्यों लिया. क्या कोई दबाव था या क्या उन्हें लगा कि आप उनकी स्थिति को नहीं समझेंगे?
- पैसों से जुड़ी समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब दोनों साथी पूरी ईमानदारी से अपनी स्थिति को समझें. अगर जरूरत हो, तो आप किसी वित्तीय सलाहकार की मदद भी ले सकते हैं, जो इस स्थिति को बेहतर तरीके से समझने में आपकी मदद कर सके.
- जब एक साथी गुपचुप तरीके से कोई फाइनेंशियल डिसिजन लेता है, तो उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए. जिम्मेदारी लेना रिश्ते में विश्वास को बढ़ाने के लिए जरूरी है. यदि दूसरे साथी को यह महसूस होता है कि जिम्मेदारी स्वीकार की जा रही है, तो वे माफी देने के लिए अधिक तैयार होते हैं.
- हर महीने बजट बनाना, खर्चों पर चर्चा करना और बड़े फैसलों से पहले एक-दूसरे से सलाह लेना बहुत मददगार हो सकता है. साथ ही, ज्वाइंट बैंक अकाउंट और वित्तीय पारदर्शिता जैसे कदम भी मददगार साबित हो सकते हैं.
- अगर समस्या का भावनात्मक प्रभाव बहुत ज्यादा हो और दोनों साथी इसे हल करने में असमर्थ हों, तो काउंसलिंग की मदद लेनी चाहिए. एक व्यावसायिक विवाह काउंसलर या चिकित्सक की मदद से दोनों को अपनी भावनाओं को समझने और समाधान ढूंढने में सहायता मिल सकती है.
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