DoT ने जालसाजी गतिविधियों में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन बंद करना और उनसे जुड़े सिम कार्ड को डिएक्टिवेट करना शुरू कर दिया है. इससे सरकारी विभाग को मोबाइल यूजर्स को धोखेबाजों से बचाने में मदद मिलेगी.
Trending Photos
दूरसंचार विभाग (DoT) ने जालसाजी गतिविधियों में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन बंद करना और उनसे जुड़े सिम कार्ड को डिएक्टिवेट करना शुरू कर दिया है. इससे सरकारी विभाग को मोबाइल यूजर्स को धोखेबाजों से बचाने में मदद मिलेगी. यह कदम DoT के 'चक्षु' पोर्टल के तहत उठाया गया है, जिसे दो महीने पहले टेलीकॉम धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए लॉन्च किया गया था.
Chakshu Portal से कैसे मिली मदद?
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार विभाग (DoT) ने जालसाज़ी और फिशिंग करने वाले SMS भेजने वाली 52 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. साथ ही, देशभर में 348 मोबाइल फोन भी बंद कर दिए गए हैं. इसके अलावा, विभाग ने 10,834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को चिन्हित किया है जिनका दोबारा वेरिफिकेशन किया जाएगा. ये कदम उठाकर दूरसंचार विभाग मोबाइल यूजर्स को धोखेबाजों से बचाने की कोशिश कर रहा है.
X पर शिकायत पर लिया एक्शन
दूरसंचार विभाग (DoT) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर टेक्नॉलॉजी से जुड़े एक पेशेवर द्वारा शेयर की गई एक SMS धोखाधड़ी की पोस्ट का जवाब दिया. विभाग ने जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने पोस्ट में बताए गए मोबाइल नंबर के साथ-साथ इससे जुड़े सभी मोबाइल फोन को भी ब्लॉक कर दिया है.
दूरसंचार विभाग (DoT) ने सोशल मीडिया पर एक के साथ हुई SMS धोखाधड़ी पर तुरंत कार्रवाई की. विभाग ने जवाब देते हुए बताया कि उन्होंने उस शिकायत वाले मोबाइल नंबर को और उससे जुड़े 20 अन्य फोन नंबरों को भी बंद कर दिया है. DoT ने बताया कि अगर आप भी किसी ऐसी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं तो तुरंत ही 'चक्षु' पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं.
टीओआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि DoT ने अब तक 700 से ज्यादा ऐसे SMS टेम्प्लेट बंद कर दिए हैं जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जाता था. विभाग ने अप्रैल 30, 2024 तक 10,834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को चिन्हित किया है जिनका दोबारा सत्यापन किया जाएगा. वहीं, 8,272 मोबाइल नंबरों को सत्यापन में नाकाम रहने की वजह से बंद कर दिया गया है.
DoT ने सिर्फ मोबाइल नंबर और हैंडसेट ही नहीं बंद किए हैं, बल्कि 1.58 लाख से ज्यादा ऐसे खास मोबाइल पहचान नंबर (IMEI) को भी ब्लॉक कर दिया है जिनका इस्तेमाल साइबर अपराध और धोखाधड़ी में किया जा रहा था. साथ ही, विभाग ने उन सिम कार्डों को भी बंद कर दिया है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए गए थे.