Jaipur News: माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन की दस्तक, रंग-गुलाल और भक्ति की छटा बिखरेगी
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Jaipur News: माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन की दस्तक, रंग-गुलाल और भक्ति की छटा बिखरेगी

Jaipur News: माघ पूर्णिमा के बाद 13 फरवरी से फाल्गुन मास की शुरुआत होगी. होली का डांडा रोपण होते ही शहर में फागोत्सव की धूम मचेगी. इस माह महाशिवरात्रि, होली, शब-ए-बारात और रमजान की शुरुआत होगी. ऋतु परिवर्तन के साथ भक्ति, उल्लास और नई फसल का उत्सव मनाया जाएगा.

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Rajasthan News: माघ शुक्ल पूर्णिमा पर कल होली का डांडा रोपण के साथ फाल्गुन की बयार बहना शुरू होगी. सनातन धर्म में फाल्गुन महीने का खासा महत्व है. इस महीने महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े व्रत व त्योहार आएंगे. माघ पूर्णिमा के अगले दिन यानि 13 फरवरी से फाल्गुन की शुरुआत होगी. फाल्गुन लगने के साथ ही शहर में जगह-जगह मंदिरों में भगवान के सामने फागोत्सव खेला जाएगा. इस पूरे माह चंग और ढप के साथ पारंपरिक होली के गीत गाए जाएंगे.

उल्लास और उपवास के साथ ही इबादत का दौर भी चलेगा. मघा नक्षत्र और शोभन योग में गुरुवार से शुरू होने वाले हिंदू पंचांग के 11वें महीने फाल्गुन में ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा. साथ ही पूरे मास सर्वधर्म के त्योहार-पवों का गुलदस्ता भी खिलेगा. महाशिवरात्रि व सोमवती अमावस्या के साथ ही शब-ए-बारात आएगी तथा माह-ए-रमजान की भी शुरुआत होगी. ज्योतिषाचायों ने बताया कि सनातन धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है. इस माह में महाशिवरात्रि और रंगों का पर्व आएगा. फाल्गुन मास का समापन सात मार्च को होगा. फाल्गुन मास की पूर्णिमा को चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में रहता है, इसलिए इसे फाल्गुन मास कहा जाता है. फाल्गुन में धीरे-धीरे गमी शुरू हो जाती है.

सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ ही इस माह की भी शुरुआत होती हैं. कई संस्थाओं की ओर से फागोत्सव के कार्यक्रम होंगे. होली का डांडा पूजन गोविंददेव जी मंदिर के बाहर होगा. ताकि इसके गवाह शहरवासी बन सके. दरअसल फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होली मनाई जाती है, ये पर्व धर्म की जीत, ऋतु परिवर्तन और नई फसल आने की खुशी मनाया जाता है. इस समय में खासतौर पर गेहूं और चने की फसल पक जाती है. फसल पकने की खुशी में पर्व मनाने की परंपरा प्रचलित है. पौराणिक मान्यता है कि इस तिथि पर भक्त प्रहलाद को मारने के लिए होलिका उसे लेकर आग में बैठ गई थी, लेकिन विष्णु कृपा से प्रहलाद तो बच गया, लेकिन होलिका जल गई और धर्म की जीत हुई.

ये समय ऋतु परिवर्तन का समय है, वसंत ऋतु के आते ही प्रकृति में नयापन आने लगता है. मौसम न ज्यादा ठंडा रहता है और न ही ज्यादा गर्म रहता है. इन दिनों में मन शांत रहता है. ऐसा मौसम भक्ति और ध्यान के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. फाल्गुन रंगों के उत्सव का महीना है. इस मास में रंगों का त्योगार होली मनाया जाता है. इसी महीने में फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर शिव पूजा का महापर्व महाशिवरात्रि भी मनाते हैं. इस दिन भगवान शिव का विशेष अभिषेक और शिव जी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना चाहिए.

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