Sri-Ganganagar News: पदमपुर के श्री बालाजी क्लीनिक में आयुर्वेदिक डॉक्टर ने गर्भवती महिला की जान से खिलवाड़ किया, जिसके कारण अजन्मे शिशु की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर को फर्जी बताते हुए स्वास्थ्य विभाग व पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया. दो हफ्तों बाद भी FIR दर्ज नहीं.
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Rajasthan News: पदमपुर के एक निजी क्लीनिक पर गर्भवती महिला की जान से खिलवाड़ करने और लापरवाही से अजन्मे शिशु की मौत का मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार ने फर्जी डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से कार्रवाई की मांग की है.
क्या है पूरा मामला?
गर्भवती महिला सुमन 24 जनवरी को प्रसव पीड़ा के कारण पदमपुर के सरकारी अस्पताल पहुंची थी. डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए श्रीगंगानगर रैफर करने का फैसला किया. लेकिन अस्पताल की नर्स पुष्पा महिंद्रा ने जबरन उसे पदमपुर के श्री बालाजी क्लीनिक ले जाकर गारंटी से नॉर्मल डिलीवरी करवाने का भरोसा दिया. क्लीनिक में डॉक्टर दीपिका सर्वा और उनके पति महेंद्र सर्वा ने ऑपरेशन किए बिना ढाई-तीन घंटे तक डिलीवरी कराने की कोशिश की, जिससे महिला दर्द से तड़पती रही. इस दौरान अजन्मे बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई. जब महिला की हालत बिगड़ने लगी, तो क्लीनिक स्टाफ ने उसे अपनी एंबुलेंस से श्रीगंगानगर रैफर कर दिया.
डॉक्टर फरार, पुलिस पर सवाल
श्रीगंगानगर के अस्पताल में डॉक्टरों ने महिला की डिलीवरी तो करवा दी, लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ. परिजनों ने आरोप लगाया कि श्री बालाजी क्लीनिक के डॉक्टरों ने पहले ही बच्चे की मौत की जानकारी छिपाई और लापरवाही बरती. चौंकाने वाली बात यह है कि डॉ. महेंद्र सर्वा के पास MBBS की डिग्री नहीं है, और उनका राजस्थान मेडिकल काउंसिल (RMC) में कोई पंजीकरण नहीं मिला. वहीं, डॉक्टर दीपिका सर्वा केवल आयुर्वेद की डिग्री रखती हैं, फिर भी उन्होंने महिला की नॉर्मल डिलीवरी करवाने का दावा किया. जब मामला उजागर हुआ तो क्लीनिक का डॉक्टर फरार हो गया, और पुलिस ने अभी तक FIR दर्ज नहीं की है.
परिजनों की न्याय की गुहार
महिला के मामा ओमप्रकाश ने राजस्थान हेल्थ डिपार्टमेंट, कलेक्टर और एंटी करप्शन ब्यूरो को परिवाद भेजकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. परिवार का सवाल है कि जब अस्पतालों में प्रशिक्षित डॉक्टर मौजूद थे, तो बिना योग्यताओं वाले डॉक्टरों ने यह जोखिम क्यों उठाया? इस मामले में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है. परिजन अब भी न्याय के इंतजार में हैं, लेकिन प्रशासन से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.
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Reported By- फतेह सागर