Ghaziabad News: यमुना नदी पर नया रेलवे ब्रिज तैयार हो गया है. नया ब्रिज बनने से दिल्ली-गाजियाबाद रेल ट्रैफिक में सुधार होगा. 1998 में इस पुल के निर्माण की मंजूरी मिली थी. पढ़िए पूरी डिटेल
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Ghaziabad News: यमुना नदी पर रेलवे ब्रिज बन गया है. अब सिर्फ टेक्निकल और सीआरएस इंस्पेक्शन बाकी है. एनओसी मिलते ही नए ब्रिज पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा. इस ब्रिज को पुराने लोहा पुल के समानांतर बना है. इस ब्रिज को शुरू करने का लक्ष्य रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में ही रखा है. नए ब्रिज के शुरू होने से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से आनंद विहार के रास्ते गाजियाबाद के बीच रेल ट्रैफिक में सुधार होगा. ट्रेनों की संख्या में भी बढ़ने वाली है. इतना ही नहीं दिल्ली से यूपी के रास्ते बिहार-बंगाल को जाने वाली ट्रेनों को और रफ्तार मिलने वाली है.
कब मिली थी ब्रिज को मंजूरी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1998 में इस ब्रिज के निर्माण की मंजूरी मिली थी, लेकिन 2003 में इस पर काम शुरू हुआ. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने यमुना किनारे बने लाल किले की वजह से इसके निर्माण पर आपत्ति जताई थी. फिर इस पुल के डिजाइन में बदलाव होगा. 168 साल पुराने लोहे के पुल की जगह यमुना रेलवे ब्रिज लेने वाला है. यह ब्रिज अपनी उम्र पूरी कर चुका है. न सिर्फ पुराने पुल पर रेल बल्कि रोड ट्रैफिक भी चलता है. जब यमुना में पानी का बहाव तेज होता है. ऐसे में बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर इस ब्रिज पर अक्सर रेल ट्रैफिक को बंद करना पड़ता है.
कितनी है ब्रिज की ऊंचाई?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेल ट्रैफिक बंद होने से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और शाहदरा की ओर जाने वाली लाइन बिल्कुल कट जाती है. पुल पुराना होने से इस पर गुजरते वक्त ट्रेन की स्पीड कम रखनी पड़ती है. नए यमुना रेलवे ब्रिज की ऊंचाई पुराने पुल से 30 मीटर ज्यादा है. इस ब्रिज के निर्माण में कुल 6900 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. इसकी अनुमानित लागत 226.73 करोड़ रुपये है. इस ब्रिज में कुल 14 स्पैन हैं, जिसमें अलग- अलग तरह के गर्डर बने हैं. दोनों ट्रैक (अप और डाउन) अलग-अलग गर्डरों पर बनाए गए हैं और ट्रैक सेंटर 7 मीटर का है. वहीं, ब्रिज का निर्माण गाजियाबाद (GZB) छोर पर 1180 मीटर की एम्बैंकमेंट और दिल्ली (DLI) छोर पर 135 मीटर की एम्बैंकमेंट के साथ किया गया है. दोनों छोर पर रेलवे अंडर ब्रिज भी बनाए गए हैं, जिससे रेल ट्रैफिक में कोई रुकावट नहीं होगी.
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