Mahakumbh 2025: कुंभ स्नान का 45 करोड़ का टारगेट 30 दिनों में पार, महाकुंभ में अब क्यों भीड़ जुट रही अपार?
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Mahakumbh 2025: कुंभ स्नान का 45 करोड़ का टारगेट 30 दिनों में पार, महाकुंभ में अब क्यों भीड़ जुट रही अपार?

Mahakumbh 2025: इन दिनों महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है. हर दिन करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा रहे हैं. अब 45 करोड़ के पार श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं. जानिए महाकुंभ में क्यों अपार भीड़ जुट रही है?

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में हर रोज बड़ी संख्या में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. संगम में डुबकी लगाने के लिए न सिर्फ देश के बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालु इस महाकुंभ में आ रहे हैं. अब तक 43 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं. अब यह आंकड़ा 45 करोड़ पार हो सकता है. श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते प्रयागराज की चारों दिशाओं से आने वाले रास्तों पर घंटों जाम लग रहे हैं. रविवार को स्टेशन के बाहर ज्यादा भीड़ होने से प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन बंद कर दिया गया. 

महाकुंभ में भक्तों का उमड़ा सैलाब
मेला प्रशासन ने जो आंकड़ा जारी किया है, उसके हिसाब से रविवार शाम आठ बजे तक 1.57 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया. 13 जनवरी से 9 फरवरी तक 43.57 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं. अब विदेशी पर्यटकों समेत रिकॉर्ड तोड़ 45 करोड़ भक्तों के आने की उम्मीद है और इसके वैश्विक महत्व को उजागर करता है. वहीं, 2019 कुंभ मेले में 25 करोड़ लोग शामिल हुए थे.

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क्यों जुट रही भक्तों की भीड़?
महाकुंभ आने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है. अमृत स्नान के बाद भी यहां भीड़ लग रही है. माना जा रहा था कि तीनों अमृत स्नान खत्म होने और पीएम नरेंद्र मोदी के स्नान के बाद धीरे-धीरे महाकुंभ में लोगों का आना कम हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आम श्रद्धालु अब भी बड़ी संख्या में संगम नगरी आ रहे हैं. 7 फरवरी से महाकुंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो गए. जिसमें देश की विविध संस्कृतियों का संगम हो रहे हैं. गंगा पंडाल में चल रहे मुख्य आयोजन को लेकर संस्कृति विभाग ने तैयारी की थी. इसी को लेकर भीड़ बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है

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कैसे हो रही भीड़ की गिनती?
दरअसल, यह सनातन धर्म का एक धार्मिक आयोजन है. जिसमें लोग समान रुचि रखते हैं. इस आयोजन में शामिल होने से लोगों के अंदर रोमांच का स्तर बढ़ जाता है. महाकुंभ में आने वाली भीड़ की तस्वीरों से लोगों का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है. ऐसे में सटीक अनुमान के लिए मेला क्षेत्र में AI बेस्ड हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं. इसके साथ ही निश्चित दायरे में भीड़ के घनत्व को भी मापा जाता है और कुल एरिया के हिसाब से लोगों की गिनती की जाती है. 

क्यों खास है महाकुंभ 2025?
इस बार का महाकुंभ बेहद खास है. हर 12 साल बाद लगने वाले इस कुंभ में 144 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं. इसी वजह से इसे महाकुंभ कहा जा रहा है. इसमें आने वाला श्रद्धालुओं की संख्या पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा है. ऐसे में कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है.

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